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Bhaiya dooj

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             How helpful are bhaiya dooj                           भाई दुज                  भाई दूज का पर्व दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है। पहले दीपावली उसके अगले दिन गोवर्धन पूजा और फिर भाई दूज मनाया जाता है। माना जाता हैं कि भाई दूज का यह पर्व बहन के अपने भाई के प्रति प्रेम को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें इस दिन अपने भाई की खुशहाली के लिए ईश्वर से कामना करती हैं। यह पर्व रक्षाबंधन की तरह ही मनाया जाता है। हमारे शास्त्रों में लिखा हैं कि  शास्त्र विधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उनको न तो किसी प्रकार का लाभ मिलता और ना ही उनके कोई कार्य सिद्ध होते और ना ही वे मोक्ष को प्राप्त कर सकते। भैया दूज का पर्व 84 लाख योनियां नहीं छुड़ा सकता। शास्त्र विरुद्ध साधना पर आधारित रहकर भक्ति कर्म करने वाले का मोक्ष तो बहुत दूर की बात है वह तो 84 लाख योनियों में जन्म मृत्यु से भी पीछा नहीं छुड़ा पाता। 84 लाख योनियों से केवल पूर्ण परमात्मा ही छुड़वा सकते हैं पूर्ण परमात्मा की खोज के लिए पूर्ण संत की आवश्यकता होती हैं पूर्ण संत का होना आवश्यक होता हैं  पूर्ण संत की पहचान क्या हैं जानिए👇 सतगुरु गर